Saturday, February 6, 2010

Desh Humein Detaa Hai Sab Kuchh (देश हमें देता है सब कुछ)

देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ॥ध्रुपद॥

सूरज हमें रौशनी देता, हवा नया जीवन देती है ।
भूख मिटाने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है ।
औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें ॥१॥

गर्मी की तपती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया ।
सुमन सुगंध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला ।
त्यागी तरुओं की जीवन से, हम परहित कुछ करना सीखें ॥२॥

जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ाएं, जो चुप हैं उनको वाणी दें ।
बिछड़ गए जो उन्हें बढ़ाएं, समरसता का भाव जगा दें ।
हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें ॥३॥

देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ॥

!! भारत माता की जय !!

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