सूरज हमें रौशनी देता, हवा नया जीवन देती है ।
भूख मिटाने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है ।
औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें ॥१॥
गर्मी की तपती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया ।
सुमन सुगंध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला ।
त्यागी तरुओं की जीवन से, हम परहित कुछ करना सीखें ॥२॥
जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ाएं, जो चुप हैं उनको वाणी दें ।
बिछड़ गए जो उन्हें बढ़ाएं, समरसता का भाव जगा दें ।
हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें ॥३॥
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ॥
!! भारत माता की जय !!
वन्दे मातरम जय सिया राम
ReplyDeleteवन्देमातरम्
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