Tuesday, February 9, 2010

Atal Chunouti (अटल चुनौती)

अटल चुनौती अखिल विश्व को, भला-बुरा चाहे जो माने,
डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर विपदाओं में सीना ताने ॥ध्रु॥

लाख-लाख पीढ़ियाँ लगीं तब हमने यह संस्कृति उपजाई,
कोटि-कोटि सिर चढ़े तभी इसकी रक्षा संभव हो पाई ।
हैं असंख्य तैयार स्वयं मिट इसका जीवन अमर बनाने,
डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर विपदाओं में सीना ताने ॥१॥

देवों की है स्फूर्ति ह्रदय में आदरयुक्त पुरखों का चिंतन,
परम्परा अनुपम वीरों की चरम साधकों के चिर साधन ।
पीड़ित शोषित दुखित बान्धवों के हमको हैं कष्ट मिटाने,
डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर विपदाओं में सीना ताने ॥२॥

नहीं विधाता नई सृष्टि के सीधी सच्ची स्पष्ट कहानी,
प्रेम कवच है त्याग अस्त्र है लगन धार आहुति है वाणी ।
सभी सुखी हों यही स्वप्न है मरकर भी यह सत्य बनाने,
डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर विपदाओं में सीना ताने ॥३॥

नहीं विरोधक रोक सकेंगे निंदक होवेंगे अनुगामी,
जन-जन इसकी वृद्धि करेगा इसकी गति न थमेगी थामी ।
बस इसकी हुंकार मात्र से दुष्ट लगेंगे आप ठिकाने,
जुटे हुए हैं इसीलिए हम राष्ट्रधर्म को अमर बनाने ॥४॥

!! भारत माता की जय !!

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