स्वर्णमयी लंका न मिले माँ, अवधपुरी की धूल मिले |
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
तेरी शान बढाते जाएं, मृत्यु विजय की शान बने |
आजीवन पतवार चलाएं, धार मिले या कूल मिले ||२||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
स्वर्णमयी लंका न मिले माँ, अवधपुरी की धूल मिले |
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
इन्द्रासन वैभव नहीं प्यारा, माता की गोदी प्यारी,
नमो-नमो जग जननी माता, कण-कण पर सुत बलिहारी,
पुष्पों की शय्या न मिले माँ, कदम-कदम पर शूल में ||१||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
तेरा सुख सर्वस्व हमारा, तेरा दुःख आह्वान बने,तेरी शान बढाते जाएं, मृत्यु विजय की शान बने |
आजीवन पतवार चलाएं, धार मिले या कूल मिले ||२||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
नयनों में ज्योतित रहना माँ, सिर पर वर का कर धरना माँ,
रग-रग में जीवन भरना माँ, तुम्ही प्रेरणा का झरना माँ,
जीवन भक्ति समर्पित हो नित, अमृत रस में मूल मिले ||३||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
!! भारत माता की जय !!
ऑडियो?
ReplyDeleteऑडियो?
ReplyDeleteAUDIO??
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteDil ko chhune vala geet
ReplyDeleteWaw
ReplyDeleteWaw
ReplyDeleteMaster
ReplyDeleteमेरे बचपन का सर्वाधिक प्रिय गीत
ReplyDeleteमैं भी बचपन में याने 1974 तक ये गीत गाया करता था , एक समर्पण भाव से ह्रदय से । आज कई वर्षों बाद किसी भैया जी से सुना तो मन करा के इसकी कराओके ट्रेक बना दूँ ताकि इसे संगीत के साथ गाया जा सके । मैं कीबोर्ड प्ले करता हूँ और ट्रेक भी बना लेता हूँ । तैयार कर के सभी के साथ साझा क्ररूँगा आशा करता हूँ सभी को पसंद आएगी ।
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