Wednesday, June 15, 2016

Desh Mein Charitra Ki (देश में चरित्र की)

एकता स्वतन्त्रता समानता रहे |
देश में चरित्र की महानता रहे, महानता रहे || ध्रु०|||


कंठ हैं करोड़ों, गीत एक राष्ट्र का |
रंग हैं अनेक, चित्र एक राष्ट्र का |
रूप हैं अनेक, भाव एक राष्ट्र का |
शब्द हैं अनेक, अर्थ एक राष्ट्र का |
चेतना समग्रता समानता रहे |
देश में चरित्र की महानता रहे, महानता रहे ||१||


विकास में विवेक, स्वप्न एक राष्ट्र का |
योजना अनेक, ध्यान एक राष्ट्र का |
कर्म हैं अनेक, लक्ष्य एक राष्ट्र का |
पंथ हैं अनेक, धर्म एक राष्ट्र का |
सादगी सहिष्णुता समानता रहे |
देश में चरित्र की महानता रहे, महानता रहे ||२||


जाति हैं अनेक, रक्त एक राष्ट्र का |
पंक्ति हैं अनेक, लेख एक राष्ट्र का |
गाँव हैं अनेक, अंग एक राष्ट्र का |
किरण हैं अनेक, सूर्या एक राष्ट्र का |
चेतना, समग्रता, समानता रहे |
देश में चरित्र की महानता रहे, महानता रहे ||३||

|| भारत माता की जय ||

Monday, June 13, 2016

Chalein Gaaon Ki Ore (चलें गाँव की ओर)

स्वावलंबी  स्वाभिमानी भाव जगाना है,
चलें गाँव के ओर, हमें फिर वैभव लाना है ||


हर घर में गो-माँ की सेवा, पशुधन का हो पालन,
जल की रक्षा करने से हो, धरती माँ का पोषण |
बने औषधि पंचगव्य से, खाद..... गोबर से,
स्वच्छ रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे, भाव जगाना है,
जड़ी-बूटी से खुशहाली, हमें गाँव में लाना है ||१||
चलें गाँव के ओर...............


गाँव में होगी जैविक खेती, जमीं के नेचे पानी,
धान सब्जी फल और फूल से, सजेगी धरती सारी |
कोई न होगा भूखा-प्यासा, पूरी होगी सबकी आशा,
स्नेह और सहकारिता का, भाव जगाना है,
कृषि-आधारित समृद्धि, हर गाँव में लाना है ||२||
चलें गाँव के ओर...............


ग्रामोद्योग विस्तार से सबका, निश्चित हो रोजगार,
जिएं सादगी से सब रखें, मन में उच्च-विचार |
गाँव का हर बच्चा हो शिक्षित, हर युवा संस्कारित निर्भिक,
भारत माता के जय हो, यह भाव जगाना है,
राम-राज्य के सपने को, साकार कराना है ||३||
चलें गाँव के ओर...............


ग्राम-नगर-वन के सब वासी, भारत की संतान,
एक संस्कृति-एक धर्म है पुरखे सबके समान |
ऊंच-नीच का भेद भुलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर,
समरसता का गीत गाकर, कदम बढ़ाना है,
इस हेतु से तन-मन-धन, जीवन लगाना है ||४||
चलें गाँव के ओर...............


||भारत माता की जय||