Sunday, April 19, 2015

Swarnmayee Lanka Na Mile Maa (स्वर्णमयी लंका न मिले माँ)

स्वर्णमयी लंका न मिले माँ, अवधपुरी की धूल मिले |
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
इन्द्रासन वैभव नहीं प्यारा, माता की गोदी प्यारी,
नमो-नमो जग जननी माता, कण-कण पर सुत बलिहारी,
पुष्पों की शय्या न मिले माँ, कदम-कदम पर शूल में ||१||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
तेरा सुख सर्वस्व हमारा, तेरा दुःख आह्वान बने,
तेरी शान बढाते जाएं, मृत्यु विजय की शान बने |
आजीवन पतवार चलाएं, धार मिले या कूल मिले ||२||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................
नयनों में ज्योतित रहना माँ, सिर पर वर का कर धरना माँ,
रग-रग में जीवन भरना माँ, तुम्ही प्रेरणा का झरना माँ,
जीवन भक्ति समर्पित हो नित, अमृत रस में मूल मिले ||३||
सोने में कांटे चुभते हैं.............................

स्वर्णमयी लंका न मिले माँ, अवधपुरी की धूल मिले |
सोने में कांटे चुभते हैं, मिट्टी में हैं फूल खिले ||
!! भारत माता की जय !!