Saturday, August 9, 2014

Divya Dhyey Kee Ore Tapasvee (दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी)

दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी,
जीवन भर अविचल चलता है ||

                         सज-धज कर आए आकर्षण, पग-पग पर झूमते प्रलोभन |
                         होकर सबसे विमुख बटोही, पथ पर संभल-संभल चलता है ||१||

अमर तत्व की अमिट साधना, प्राणों में उत्सर्ग कामना |
जीवन का शाश्वत-व्रत लेकर, साधक हँस कण-कण गलता है ||२||

                        सफल-विफल और आस-निराशा, इसकी ओर कहाँ जिज्ञासा |
                        बीहड़ता में राह बनाता, राही मचल-मचल चलता है ||३||

पतझर के झंझावातों में, जग के घातों, प्रतिघातों में |
सुरभि लुटाता सुमन सिहरता, निर्जनता में भी खिलता है ||४||

            जीवन भर अविचल चलता है ||
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              !! भारत माता की जय  !!

Friday, August 8, 2014

Shapath Lena To Saral Hai (शपथ लेना तो सरल है)

शपथ लेना तो सरल है, पर निभाना ही कठिन है |
साधना का पथ कठिन है, साधना का पथ कठिन है ||ध्रु||

                    शलभ बन जलना सरल है, प्रेम की जलती शिखा पर |
                    स्वयं को तिल-तिल जलाकर, दीप बनना ही कठिन है ||१||

हैं अचेतन जो युगों से, लहर के अनुकूल बहते |
साथ बहना है सरल, प्रतिकूल बहना ही कठिन है ||२||

                    ठोकरें खाकर नियति की, युगों से जी रहा मानव |
                    है सरल आंसूं बहाना, मुस्कुराना ही कठिन है ||३||

तप-तपस्या के सहारे, इंद्रा बनाना तो सरल है |
स्वर्ग का ऐश्वर्य पाकर, मद भुलाना ही कठिन है ||४||

साधना का पथ कठिन है, साधना का पथ कठिन है ||
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                    !! भारत माता की जय !!

Jisne Marna Seekh Liya Hai (जिसने मरना सीख लिया है)

जिसने मरना सीख लिया है, जीने का अधिकार उसी को |
जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपहार उसी को ||ध्रु||

                     जिसने गीत सजाए अपने, तलवारों के झन-झन स्वर पर |
                     जिसने विप्लव राग अलापे, रिमझिम गोली के वर्षण पर ||
                     जो बलिदानों का प्रेमी है, जगती का प्यार उसी को ||१||

हँस-हँस कर इक मस्ती लेकर, जिसने सीखा है बलि होना |
अपनी पीड़ा पर मुस्काना, औरों के कष्टों पर रोना ||
जिसने सहना सीख लिया है, संकट है, त्यौहार उसी को ||२||

                     दुर्गमता लख बीहड़ पथ की, जो न कभी भी रुका कहीं पर |
                     अनगिनती आघात सहे पर, जो न कभी भी झुका कहीं पर ||
                     झुका रहा है मस्तक अपना, यह सारा संसार उसी को ||३||

जिसने मरना सीख लिया है, जीने का अधिकार उसी को |
जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपहार उसी को ||
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                       !! भारत माता की जय !!

Shuddh Saatvik Prem (शुद्ध सात्विक प्रेम)

शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है ||

                    प्रेम जो केवल समर्पण ही समर्पण जानता है |
                    और उसमें ही स्वयं की धन्यता बस मानता है ||
                    दिव्य ऐसे प्रेम में ईश्वरस्वयं साकार है || १||

द्वेष की ज्वाला जगत की नित जलाना जानती है |
किन्तु सुरसरिस्नेह की मधुबन खिलाना जानती है ||
छेड़ती है ह्रदय वीणा के सभी वे तार हैं ||२||

                    दीप में है स्नेह जब तक वह तभी तक ज्योति देता |
                    स्नेह से जब शून्य होता विरत तम को कौन करता ||
                    नित्य ज्योतिर्मय हमारा ह्रदय स्नेहागार है ||३||

भरत जननी ने किया वात्सल्य से पालन हमारा |
है कृपा इसकी मिला है प्राण तन जीवन हमारा ||
भक्ति से हम हों समर्पित, बस यही अधिकार है ||४||

                    कोटि आँखों से निरंतर आज आंसू बह रहे हैं |
                    आज अगणित बंधु दुःसह यातनाएं सह रहे हैं ||
                    दुःख हरे सुख दे सभी की एक यह आचार है ||५||
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                   !! भारत माता की जय !!

Maa Bas Yah Vardaan Chaahiye (माँ बस यह वदान चाहिए)

माँ बस यह वरदान चाहिए |
माँ बस यह वरदान चाहिए ||

                    जीवन-पथ जो कंटकमय हो, विपदाओं का घोर विलय हो |
                    किन्तु कामना एक यही बस, प्रतिपल पग गतिमान चाहिए || १ ||

ह्रास मिले या त्रास मिले, विश्वास मिले या फांस मिले |
गरजे क्यों न काल ही सम्मुख, जीवन का अभिमान चाहिए ||२||

                    जीवन के इन संघर्षों में, दुःख-कष्ट के दावानल में |
                    तिल-तिल कर तन जले न क्यों पर, होठों पर मुस्कान चाहिए |||३||

कंटक पथ पर गिरना-चढ़ना, स्वाभाविक है हार-जीतना |
उठ-उठ कर हम गिरें, उठें फिर, पर गुरुता का ज्ञान चाहिए ||४||

                    मेरी हार देश की जय हो, स्वार्थ-भाव का क्षण-क्षण क्षय हो |
                   जल-जल कर जीवन दूं जग को, बस इतना सम्मान चाहिए ||५||

माँ बस यह वरदान चाहिए |
माँ बस यह वरदान चाहिए ||
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                             !! भारत माता की जय !!